Aarti

Shani Dev Aarti Lyrics in English – Bhakti Bharat Ki

Shani Dev Aarti Lyrics in English – Saturday is dedicated to Shani Dev. According to the Hindu religion, Shani Dev is the god of Justice. He gives good results according to good deeds and bad results according to bad deeds. If you want to please Shani Dev then donate to the poor people. Shani is pleased by doing this. Apart from this, if you do Shani Dev’s aarti daily with devotion, then Shani Dev is pleased with you. This is the best way to please Shani Dev.

Shani Dev Aarti Lyrics in English

Jai Jai Shri Shanidev Bhaktan Hitkari ।
Suraj Ke Putra Prabhu Chhaya Mahtari ॥
॥ Jai Jai Shri Shanidev Bhaktan Hitkari ॥

Shyam Ang Vakra-Drishti Chaturbhuja Dhaari।
Nilambar Dhaar Nath Gaj Ki Asawari॥
॥ Jai Jai Shri Shanidev Bhaktan Hitkari॥

Kreet Mukut Sheesh Rajit Dipat Hai Lilari।
Muktan Ki Maala Gale Shobhit Balihari॥
॥ Jai Jai Shri Shanidev Bhaktan Hitkari॥

Modak Mishthan Paan Chadat Hai Supari।
Loha, Til, Tel, Udad Mahishi Ati Pyari॥
॥ Jai Jai Shri Shanidev Bhaktan Hitkari॥

Dev Danuj Rishi Muni Sumirat Nar Naari।
Vishwanath Dharat Dhyaan Sharan Hian Tumhari॥
॥ Jai Jai Shri Shanidev Bhaktan Hitkari॥

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श्री शनिदेव जी की आरतीशनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित है। हिंदू धर्म के अनुसार शनिदेव न्याय के देवता हैं । वह अच्छे कर्मों के अनुसार अच्छा फल और बुरे कर्मों के अनुसार बुरा फल देता है। शनिदेव को प्रसन्न करना चाहते हैं तो गरीबों को दान दें। ऐसा करने से शनि प्रसन्न होते हैं। इसके अलावा शनिदेव की आरती अगर आप प्रतिदिन भक्ति भाव से करें तो शनिदेव आपसे प्रसन्न होते हैं। शनिदेव को प्रसन्न करने का यह सबसे अच्छा उपाय है।

Shani Dev Aarti Lyrics in Hindi

शनिदेव की आरती

जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी ।
सूरज के पुत्र प्रभु छाया महतारी ॥
॥ जय जय श्री शनिदेव..॥

श्याम अंक वक्र दृष्ट चतुर्भुजा धारी ।
नीलाम्बर धार नाथ गज की असवारी ॥
॥ जय जय श्री शनिदेव..॥

क्रीट मुकुट शीश रजित दिपत है लिलारी ।
मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी ॥
॥ जय जय श्री शनिदेव..॥

मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी ।
लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी ॥
॥ जय जय श्री शनिदेव..॥

देव दनुज ऋषि मुनि सुमरिन नर नारी ।
विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी ॥
॥ जय जय श्री शनिदेव..॥

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ଶ୍ରୀ ଶନିଦେବ ଜୀ କୀ ଆରତୀଶନିବାର ଭଗବାନ ଶନିଙ୍କୁ ସମର୍ପିତ । ହିନ୍ଦୁ ଧର୍ମ ଅନୁଯାୟୀ ଶନିଦେବ ହେଉଛନ୍ତି ନ୍ୟାୟର ଦେବତା । । ସେ ବ୍ଯକ୍ତିର ଭଲ କର୍ମ ଅନୁଯାୟୀ ଭଲ ଫଳ ଓ ଖରାପ କର୍ମ ଅନୁଯାୟୀ ଖରାପ ଫଳ ପ୍ରଦାନ କରିଥାନ୍ତି । ଯଦି ଆପଣ ଶନିଙ୍କୁ ପ୍ରସନ୍ନ କରିବାକୁ ଚାଉଁଛନ୍ତି ତେବେ ଗରିବ ଲୋକଙ୍କୁ ଦାନ କରନ୍ତୁ । ଏହା କରିବାଦ୍ୱାରା ଶନି ପ୍ରସନ୍ନ ହୋଇଥାନ୍ତି । ଏହା ଛଡା ଶନି ଦେବଙ୍କ ଆରତୀ ପ୍ରତିଦିନ ଭକ୍ତି ଭାବରେ ପ୍ରାଥନା କଲେ ଆପଣଙ୍କ ଉପରେ ଶନି ପ୍ରସନ୍ନ ହୋଇଥାନ୍ତି । ଏହା ହେଉଛି ଶନିଦେବଙ୍କୁ ପ୍ରସନ୍ନ କରିବାର ସବୁଠାରୁ ଭଲ ଉପାୟ ।

ଶ୍ରୀ ଶନିଦେବ ଜୀ କୀ ଆରତୀ

Shani Dev Aarti Lyrics in Odia

ଶ୍ରୀ ଶନିଦେବ ଜୀ କୀ ଆରତୀ

ଜୟ ଜୟ ଶ୍ରୀ ଶନିଦେବ ଭକ୍ତନ ହିତକାରୀ ।
ସୂରଜ କେ ପୁତ୍ର ପ୍ରଭୂ ଛାୟା ମହତାରୀ ॥
॥ ଜୟ ଜୟ ଶ୍ରୀ ଶନିଦେବ…॥

ଶ୍ୟାମ ଅଙ୍କ ବକ୍ର ଦୃଷ୍ଟ ଚତୁର୍ଭୁଜା ଧାରୀ ।
ନୀଲାମ୍ବର ଧାର ନାଥ ଗଜ କୀ ଅସବାରୀ ॥
॥ ଜୟ ଜୟ ଶ୍ରୀ ଶନିଦେବ…॥

କିରିଟ ମୁକୁଟ ଶୀଶ ରଜିତ ଦିପତ ହୈ ଲିଲାରୀ ।
ମୁକ୍ତନ କୀ ମାଲା ଗଲେ ଶୋଭିତ ବଲିହାରୀ ॥
॥ ଜୟ ଜୟ ଶ୍ରୀ ଶନିଦେବ…॥

ମୋଦକ ମିଷ୍ଠାନ ପାନ ଚଢ଼ତ ହୈଂ ସୁପାରୀ ।
ଲୋହା ତିଲ ତେଲ ଉଡ଼ଦ ମହିଷୀ ଅତି ପ୍ୟାରୀ ॥
॥ ଜୟ ଜୟ ଶ୍ରୀ ଶନିଦେବ…॥

ଦେବ ଦନୁଜ ଋଷୀ ମୁନୀ ସୁମରିନ ନର ନାରୀ ।
ବିଶ୍ୱନାଥ ଧରତ ଧ୍ୟାନ ଶରଣ ହୈଂ ତୁମ୍ହାରୀ ॥
॥ ଜୟ ଜୟ ଶ୍ରୀ ଶନିଦେବ…॥

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Prachi

NCERT-NOTES Class 6 to 12.

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