Dhanvantari Aarti | धन्वंतरि जी की आरती | धनतेरस आरती | भगवान धन्वंतरि की आरती
Dhanvantari Aarti | धन्वंतरि जी की आरती: हर साल कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस मनाया जाता है। इस दिन भगवान धन्वंतरि हाथ में सोने का अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे।
Credit the Video : Glare Music Bhakti YouTube Channel
Dhanvantari Aarti | धन्वंतरि जी की आरती | धनतेरस आरती
जय धन्वंतरि देवा, जय धन्वंतरि जी देवा ।
जरा-रोग से पीड़ित, जन-जन सुख देवा ॥
॥ ॐ जय धन्वन्तरि देवा ॥
तुम समुद्र से निकले, अमृत कलश लिए ।
देवासुर के संकट आकर दूर किए ॥
॥ ॐ जय धन्वन्तरि देवा ॥
आयुर्वेद बनाया, जग में फैलाया ।
सदा स्वस्थ रहने का, साधन बतलाया ॥
॥ ॐ जय धन्वन्तरि देवा ॥
भुजा चार अति सुंदर, शंख सुधा धारी ।
आयुर्वेद वनस्पति से शोभा भारी ॥
॥ ॐ जय धन्वन्तरि देवा ॥
तुम को जो नित ध्यावे, रोग नहीं आवे ।
असाध्य रोग भी उसका, निश्चय मिट जावे ॥
॥ ॐ जय धन्वन्तरि देवा ॥
हाथ जोड़कर प्रभुजी, दास खड़ा तेरा ।
वैद्य-समाज तुम्हारे चरणों का घेरा ॥
॥ ॐ जय धन्वन्तरि देवा ॥
धन्वंतरिजी की आरती जो कोई नर गावे ।
रोग-शोक न आए, सुख-समृद्धि पावे ॥
॥ ॐ जय धन्वन्तरि देवा ॥
Disclaimer : Chhap Design / छाप डिज़ाइन (https://chhapdesign.com/) किसी की आस्था को ठेस पहुंचना नहीं चाहता। ऊपर पोस्ट में दिए गए उपाय, रचना और जानकारी को भिन्न – भिन्न लोगों की मान्यता और जानकारियों के अनुसार, और इंटरनेट पर मौजूदा जानकारियों को ध्यान पूर्वक पढ़कर, और शोधन कर लिखा गया है। यहां यह बताना जरूरी है कि Chhap Design / छाप डिज़ाइन (https://chhapdesign.com/) किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पूर्ण रूप से पुष्टि नहीं करता। मंत्र के उच्चारण, किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ, ज्योतिष अथवा पंड़ित की सलाह अवश्य लें। मंत्र का उच्चारण करना या ना करना आपके विवेक पर निर्भर करता है।
Read More:
Dayamaya Guru Karunamaya
Om Sarveshaam Svastir-Bhavatu
Om Damodarai Vidmahe
Iskcon Tulsi Aarti Lyrics