LAKADI ki PAHCHA

सागवान और शिव बबूल की लकड़ी में अंतर या पहचान

 

सागवान और बबूल की लकड़ी में अंतर
सागवान और शिव बबूल की लकड़ी में अंतर
 
आजकल मार्केट में कुछ इस तरह की लकड़ी आती है कि कुछ लकड़ी ऐसी होती हैं जो महंगी वाली लकड़ी की कॉपी होती हैं या फिर महंगी वाली लकड़ी की ही तरह दिखती हैं जिसमें से एक शिव बबूल और सागवान है शिव बबूल और सागौन की लकड़ी मैं आज हम लोग अंतर जानेंगे क्या-क्या होते हैं जिसकी वजह से आपको कुछ मदद मिल पाएगी मैं हूं अभिषेक शर्मा चलिए इस पोस्ट को शुरू करते हैं
 सागवान और शिव बबूल में क्या अंतर होता है इन पांच तरीके से आप जान सकते हैं
 
1) सागवान और शिव बबूल की लकड़ी में कलर द्वारा पहचानना
 
सागवान और बबूल लकड़ी को पहचानने के लिए आपको इनके कलरों को जानना बहुत जरूरी है जैसा कि बबूल लकड़ी का कलर हमेशा पीले कलर का होता है जैसा कि आप नीचे चित्र में देख पा रहे हैं
वही अगर सागवान की बात करें तो इसका कलर इससे काफी अलग होता है अगर आप सागवान लकड़ी को पहचानना चाहते हैं तो इसका कलर ब्राउन होता है और साथ में सफेद भी होता है जैसा कि आपको नीचे चित्र में दिखाई दे रहा होगा
दोनों ही लकड़ियों की कलर अलग-अलग होते हैं पर दिक्कत उस जगह पर आती है जब लकड़ियों को सुखा दिया जाता है उसके बाद आप देख पाएंगे नीचे चित्र में दोनों ही लकड़ी एक ही तरह दिखती हैं
2) सागवान और बबूल सूखने के बाद किस तरह पहचाने
 
जैसा कि आप ऊपर चित्र में देख पा रहे हैं या दो अलग-अलग लकड़ियां है पर दोनों के कलर लगभग एक ही तरह है इसमें अगर आपको अंतर या पहचान ना हो तो जो दाहिनी तरफ लकड़ी रखी है वह सागौन की लकड़ी है वही जो बाई तरफ लकड़ी रखी है वह बबूल की लकड़ी है जो कि सूखने के बाद बिल्कुल सागवान की कलर की हो जाती है अगर आपको कलर में दिक्कत आती है तो आप चाहे तो इस पर रंदा मार कर देख सकते हैं या फिर आप इसे कटवा कर देख सकते हैं इस में पीला रंग जरूर निकलेगा और जो सागौन की लकड़ी होगी उसमें ब्राउन रंग मिलेगा का बुरादा निकलेगा इस तरह आप सुखी बबूल लकड़ी को भी पहचान पाएंगे
3) रेशे द्वार बबूल और सागवान की लकड़ी को पहचानना
 
हर एक लकड़ी का अपना अलग-अलग डिजाइन या रेशा होता है जो कि आपको लकड़ी की सही पहचान बताता है जैसा कि आप नीचे चित्र में देख पा रहे हैं या लकड़ी शिव बबूल की है इसमें आप देखेंगे कि कोई भी रेशा दिखाई नहीं दे रहा होगा या बिल्कुल प्लेन होती है कहीं-कहीं पर इसमें एक दो रेशा होते हैं वरना फिर इसमें कोई भी रेशा नहीं होते हैं
वहीं अगर सागवान लकड़ी की बात करें तो इसमें आपको हर एक पक्की लकड़ी जिस भी जगह पर होगी वहां पर आपको रेशा देखने को मिलेगा यही रेशा सागवान लकड़ी की पहचान होती है इसी से आप सागवान लकड़ी को पहचान पाएंगे
4) सागवान और बबूल लकड़ी को महक द्वारा पहचानना 
 
सागवान और बबूल लकड़ी की लकड़ी को महक द्वारा कुछ इस प्रकार पहचाना जा सकता है अगर हम बबूल की लकड़ी की महक की बात करें तो उसकी महक सागौन की लकड़ी से अलग होती है अगर आप दोनों के बुरादे को अलग-अलग मुट्ठी में लेकर सुगेगे तो आपको फर्क पता लग जाएगा इस तरीके से भी आप सागवान और बबूल की लकड़ी में अंतर जान सकते हैं या फिर पहचान सकते हैं कौन सी लकड़ी बबूल की है और कौन सी लकड़ी सागवान की है
5) सागवान और बबूल लकड़ी को प्राइस द्वार पहचाना
 
सागवान और बबूल की लकड़ी को प्राइस द्वारा भी पहचाना जा सकता है पहले तो आपको सागवान की लकड़ी का प्राइस पता होना चाहिए जो भी सागवान लकड़ी की प्राइस है बबूल की लकड़ी लगभग उसकी आधी रेट में मिलती है इसलिए कुछ लोग इसका प्रयोग सागवान के रूप में भी कर देते हैं इसलिए आपको रेट द्वारा भी इसे पहचान पाएंगे या फिर जान सकते हैं कि कौन सी लकड़ी आपको मिल रही है अगर आपको सागवान का रेट पता है तब
बस दोस्तों यही थी जानकारी सागवान और बबूल की लकड़ी की पहचान के बारे में उम्मीद करते हैं आपको मेरा यह छोटा सा पोस्ट अच्छा लगा होगा आपका कीमती समय देने के धन्यवाद कोई सुझाव हो तो नीचे कमेंट करें

Prachi

NCERT-NOTES Class 6 to 12.

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